बिहार में यूक्रेन सॉफ्टवेयर से मोबाइल IMEI नंबर बदलने का रैकेट, मुख्य आरोपी गिरफ्तार गिरोह की तलाश जारी

बिहार के मुजफ्फरपुर में चोरी और लूट के मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर बदलने का अवैध धंधा चलाने वाले एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है। यह व्यक्ति यूक्रेन से आए सॉफ्टवेयर की मदद से चोरी, लूट और छिनतई के मोबाइल फोनों का लॉक खोलने और आईएमईआई नंबर बदलने का काम लंबे समय से कर रहा था। हैरानी की बात यह है कि वह यह सब शहर के बीचों-बीच, नगर थाना से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर कर रहा था और पुलिस को इसकी जानकारी तक नहीं थी। “ऑपरेशन मुस्कान” के तहत की गई कार्रवाई के दौरान इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ। इसमें पेंडुरा नामक सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा था।

सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने जानकारी दी कि सरैयागंज टावर के पास से एक मोबाइल दुकानदार ओम उर्फ चिरंजीवी को गिरफ्तार किया गया है। वह पूर्वी चम्पारण के माधोपुर चिरैया का निवासी है। चिरंजीवी यूक्रेन के एक सॉफ्टवेयर का उपयोग कर मोबाइल फोन का आईएमईआई नंबर बदल रहा था। उसके पास से 6 मोबाइल, एक लैपटॉप, पेन ड्राइव, सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया हुआ डेस्कटॉप और डोंगल बरामद किए गए हैं। पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

सिटी एसपी ने बताया कि जिले में पिछले कुछ महीनों से मोबाइल गुम होने के मामलों में दर्ज मोबाइल नंबरों का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। इस समस्या को हल करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान पता चला कि अलग-अलग मोबाइल में एक जैसे आईएमईआई नंबर पाए गए, जिससे मोबाइल ट्रेस करना कठिन हो रहा था। इसी बीच टीम को यह जानकारी मिली कि एक मोबाइल दुकानदार आईएमईआई नंबर बदल रहा है। छापेमारी में पता चला कि दुकान में यूक्रेन के पेंडुरा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर आईएमईआई नंबर में छेड़छाड़ की जा रही थी।

सिटी एसपी ने जानकारी दी कि 2 फरवरी को सिकंदरपुर स्थित जर्दा फैक्ट्री मोहल्ले के रतन कुमार ने नगर थाना में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि जब वे जूरन छपरा स्थित जिला परिषद मार्केट जा रहे थे, तो उनका मोबाइल खो गया। पुलिस की डीआईयू टीम ने मोबाइल के आईएमईआई नंबर को ट्रैक किया, जिससे यह पता चला कि एक ही आईएमईआई नंबर का इस्तेमाल पांच अलग-अलग मोबाइलों में किया जा रहा था और उनमें 32 सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए थे। उन मोबाइल नंबरों के धारकों का सत्यापन किया गया। दो लोगों ने आवेदन दिया कि उन्होंने सरैयागंज टावर के एक दुकानदार से अपना मोबाइल बनवाया था और उसी से पुराना मोबाइल भी खरीदा था। इसके बाद पुलिस की टेक्निकल टीम ने उस दुकानदार को गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ में आईएमईआई नंबर बदलने की बात स्वीकार की।

सिटी एसपी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में यह जानकारी दी कि उसे यूक्रेन के एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के बारे में पता चला था। इसके बाद उसने रांची से सात हजार रुपये में इसका सब्सक्रिप्शन लिया और इसे अपने डेस्कटॉप और लैपटॉप में इंस्टॉल कर लिया। जब कोई व्यक्ति दुकान पर लॉक तोड़वाने आता था, तो आरोपी उन्हें मोबाइल का IMEI नंबर बदलने का सुझाव देता था। इस तरीके से उसका कारोबार चल पड़ा। सिटी एसपी ने यह भी बताया कि आरोपी ने पिछले सात महीनों में 100 से अधिक मोबाइल फोनों के IMEI नंबर बदले हैं, और एक मोबाइल का नंबर बदलने के लिए वह 2 से 3 हजार रुपये तक शुल्क लेता था।

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