जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद अगर आपने लगान की रसीद नहीं कटवाई है, तो क्या कदम उठाने चाहिए, जानें।

बिहार में जमीन के सर्वें का कार्य अब तेजी से हो रहा है। विभाग के निर्देशानुसार एक सितंबर से आवेदन भी जमा होना शुरू हो गया है। ऐसे में रैयत जमीन संबंधित दस्तावेज दुरूस्त कराने के लिए परेशान हो रहे है। जमीन संबंधित बहुत से कार्य अंचल राजस्वी कर्मियों के जिम्मे होता है। इन कर्मियों को खोजने के लिए रैयत परेशान हो रहे है।

रैयत पंचायत सरकार भवन से लेकर अंचल कार्यालय तक चक्कर लगा रहे है। उनके मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास कर रहे है। कई बार फोन करने पर राजस्व कर्मी फोन नहीं उठा रहे है। यदि उठा भी लिया। तब कहना होता है कि अभी फील्ड में है। सुबह दस बजे अंचल कार्यालय में मुलाकात होगी। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ प्रशांत शांडिल्य ने बताया कि कुछ राजस्व कर्मियों का तबादला हो गया है। कुछ का पंचायत में बदलाव किया गया है।

परंतु इस तरह की लगातार सूचना मिल रही है। इस समस्या के निदान के लिए हर राजस्व कर्मी की लिस्ट निकाली जा रही है। वह किस दिन किस पंचायत सरकार भवन में बैठेंगे। उस पंचायत में रैयतों की समस्यों का निदान करेंगे। यदि उक्त स्थल से गायब मिलेंगे। तब उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। सभी राजस्व कर्मियों का मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किया जाएगा। कई ऐसे कबालेदार है जो बहुत पहले किसी से जमीन रजिस्ट्री कराये थे। परंतु उन्होंने जमीन रजिस्ट्री कराने के बाद लगान रसीद नहीं कटवाया। लेकिन, जमीन उनके दखल कब्जा में है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ प्रशांत शांडिल्य ने बताया कि ऐसे कबालादार को जमीन का दाखिल खारीज कराना होगा। उसके बाद उनकी जमीन का लगान रसीद कटेगा। यदि किसी ने कबालेदार ने 1985 में जमीन खरीदा। दाखिल खारिज भी करा लिया था। इसके बाद वह कुछ समय तक लगान रसीद कटाते रहे।

इसके बाद वह नहीं कटाये है। वैसे कबालेदार को भूमि राजस्व के बेवसाईट पर परिमार्जन प्लस पर आवेदन करना होगा। वहां से उनका लगान रसीद कट जाएगा। खेसरा, खाता या कबालेदार के नाम में कुछ गड़बड़ी है। तो वह भी परिमार्जन प्लस में अपना आवेदन देकर इसमें सुधार करा सकते है। यदि किसी कबालेदार का खाता खेसरा ऑन लाइन नहीं हुआ है। तब भी उसे परिमार्जन प्लस पर भी आवेदन देना होगा। वहीं से ऑन लाइन होगा।

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